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मां ज्वाला धाम शक्तिपीठ उचेहरा में रामनाम संकीर्तन समापन हुआ | #jwala dham #uchehra wali # shaktipeeth #karonda wala #nowrozaba
जामिया जेएनयू न्यू दिल्ली यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान प्रेसिडेंट यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता इतनी बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज में आज हमें देखने को मिल रहा है सीआरपीसी 144 का इंपोजिशन सस्पेंशन ऑफ स्टूडेंट और हैवी पुलिस डिपार्मेंट फॉर स्क्रीनिंग ऑफ डॉक्यूमेंट पोस्टेड बाय बीबीसी क्या यह हमारे फंडामेंटल राइट्स नहीं है या फिर क्या कोई बाहर की बनाई गई डॉक्यूमेंट्री हमारे देश के लोकतंत्र को एक्सेप्ट कर सकती है आइए जानते हैं पूरे मामले के बारे में रिलेटेड टू गुजरात
द बीबीसी द बीबीसी डॉक्युमेंट्री राक्षस रिलेटेड टू गुजरात राइट्स 22221 एंड इंडिया द मोदी क्वेश्चन विच विच बॉस बैंड बाय सेंट्रल गवर्नमेंट बाय वर्चू आफ स्पेशल इमरजेंसी पावर वेस्टेड इन द सेंट्रल गवर्नमेंट द फर्स्ट एपिसोड ऑफ द डॉक्यूमेंट्री वास पब्लिश्ड ऑन 17 जनवरी एंड द अदर वर्ड्स टू बी पब्लिश्ड ओं जनवरी 24 गवर्नमेंट डिस्क्राइब द बीबीसी डॉक्युमेंट्री एंड प्रोपेगेंडा अगेंस्ट इंडिया एंड इफ़ेक्ट ऑफ़ कॉलोनियल माइंड विच इज फाउंड बाय चाइना एंड जस्टिस फॉर सोशल मिनी ऑफ इंडिया
यूनिवर्सिटी इसमें यूनिवर्सिटीज में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को बंद कर दिया क्या और जो स्टूडेंट्स की स्क्रीनिंग करने की कोशिश कर रहे थे काफी में उनमें से को सस्पेंड कर दिया गया पिछले कुछ ही दिनों में भी देखने को मिला है कि राजस्थान के 10 स्टूडेंट्स को सस्पेंड कर दिया गया है रीसेंट न्यूज़ जो में देखने को मिल रही है
The documentary addresses the 2002 communal riots in the western Indian state of Gujarat, of which Modi was Chief Minister at the time, that left 790 Muslims and 254 Hindus dead, per official numbers. A decade later, a Special Investigation Team appointed by India’s Supreme Court exonerated Modi, saying that the leader had taken steps to control the situation.
“The documentary was rigorously researched according to highest editorial standards. A wide range of voices, witnesses and experts were approached, and we have featured a range of opinions – this includes responses from people in the BJP [India’s ruling party]. We offered the Indian Government a right to reply to the matters raised in the series – it declined to respond
WHAT DOES THE LAW SAY?
PROVISIONS FOR BLOCKING UNDER IT RULES IN CASES OF EMERGENCY –
The government, as in the present case, can invoke its power under the provisions of Information Technology Rules, 2021, for the takedown of content in emergency situations where a delay is not acceptable.
The provision provides MIB with the power to issue notices to social media intermediaries to take down the content.
The BBC documentary has been directed to be taken down for allegedly making unsubstantiated allegations regarding actions of foreign governments in India, and casting aspersions on the Supreme Court’s authority.
According to Rule 16, in cases of emergency, the secretary, Ministry of Information and Broadcasting may, if he is satisfied that it is necessary or expedient and justifiable, may issue blocking for public access of any information or part thereof through any computer resource.
Further, as an interim measure, directions can be issued to publishers or intermediaries in control of such computer resources hosting such information without giving them an opportunity of hearing.
अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते हुए हथियार लेकर मंदिर में घुसा था अहमद मुर्तजा
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के दोषी अहमद मुर्तजा की सजा का एलान हो गया है. एटीएस, एनआईए स्पेशल कोर्ट ने अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है. अहमद मुर्तजा यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने, जानलेवा हमले में दोषी पाया गया था और उसके खिलाफ चल रहे मामले में नौ महीने में सुनवाई पूरी कर सजा सुनाई गई है. गोरखनाथ थाने में 4 अप्रैल 2022 को यह मामला दर्ज हुआ था, फिर इस मामले में एटीएस ने जांच कर चार्जशीट लगाई थी.
गोरखनाथ मंदिर हमले की घटना में रिकार्ड 60 दिनों की न्यायिक जांच में अहमद मुर्तजा अब्बासी को एनआईए कोर्ट ने आईपीसी की धारा 121 में मौत की सजा और 307 आईपीसी में आजीवन कारावास की सजा का एलान किया. इस मामले की जांच करते हुए एनआईए को पता चला कि गोरखनाथ मंदिर का हमलावर नेपाल भी गया था और पुलिस को उसके पास से कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले थे.
बता दें कि गोरखनाथ पीठ में अहमद मुर्तजा अब्बास ने हथियार लहराया था. इस घटना के बाद से हड़कंप मच गया था. आरोपी ने पुलिसवालों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था. इतना ही नहीं उसने मंदिर के पास मौजूद लोगों को हथियार से डराने की कोशिश भी की थी. अहमद मुर्तजा ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में तैनात उत्तर प्रदेश प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी के जवानों पर हमला किया था. हालांकि केमिकल इंजीनियर अहमद मुर्तजा अब्बासी को कुछ देर पीछा करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
वहीं सजा के एलान के बाद एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत मौत की सजा दी गई थी. आरोपी को पुलिस कर्मी पर हमला करने के आरोप में धारा 307 के तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई.
क्या है पूरा मामला ?
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों (पीएसी के जवान) पर रविवार 2 अप्रैल 2022 देर शाम धारदार हथियार से हमला बोल दिया गया था । इससे सिपाहियों को गंभीर चोटें आईं थी। घालयों को गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपी किसी भी हाल में गोरखनाथ मंदिर परिसर में घुसना चाहता था, लेकिन एक सिपाही ने धर दबोचा था । मंदिर के मुख्य द्वार के पास ही एक बैग मिला बैग से धारदार हथियार, पैन ड्राइव, लैपटॉप मिले थे । एक पैन कार्ड भी मिला था, जिस पर अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम लिखा था।
गोरखपुर मंदिर हमला मामले में यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और एटीएस चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमे अवनीश अवस्थी ने कहा, गोरखपुर मामला एक साजिश का हिस्सा है और इसे आतंकवादी घटना कहा जा सकता है. एटीएस और एसटीएफ इसकी जांच करेंगे. . उन्होंने कहा, जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमले को नाकाम किया है, उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने 5 लाख रुपये इनाम देने का ऐलान किया गया था।
वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा था कि हमले के दौरान कुछ धार्मिक नारे लगाए गए. दो लोगों को चोटें भी आई हैं. पुलिस ने हमला करने वाले जिस शख्स को गिरफ्तार किया था उसका नाम अहमद मुर्तजा है, जो गोरखपुर का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि उसने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है. उसके पास से जो चीजें बरामद हुई हैं, उसे देखते हुए ही कहा जा सकता है कि यह गंभीर साजिश है और इसको आतंकी घटना से इनकार नहीं कर सकते.
आखिर क्या है धारा 121 जिसके तहत अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है
भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के अनुसार, जो कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करेगा, या ऐसा युद्ध करने का प्रयत्न करेगा या ऐसा युद्ध करने का दुष्प्रेरण करेगा, तो उसे मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
लागू अपराध
भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या करने का प्रयत्न या दुष्प्रेरण करना।
सजा - मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
सरहनिये बात यह है की मात्र एक साल में हमारे न्यायालय द्वारा सजा सुना दी गई पर कानूनी दांव पेच का खेल भी देखते बनेगा .
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Krishan Lal
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Amit Singh
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Abhishek kumar
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